अग्रवाल समाज का अनूठा वैवाहिक परिचय सम्मेलन

 12 Jun 2019  1163

मुंबई,(12 जून 2019)-अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन का 39वां वर-वधू परिचय सम्मेलन रविवार  को ' द सेंट रेगिस ' सभागार में संपन्न हुआ। इसमें करीब 50 जोड़े व उनके परिजन शामिल हुए। दोनों पक्षों को  मिलाकर बेहद अनूठा, अभिनव और अभूतपूर्व सामाजिक माहौल बनाया गया था। संस्था के मुंबई अध्यक्ष शिवकांत खेतान के अनुसार यह समाज का मुंबई में 39 वां विवाह-योग्य युवक-युवतियों का परिचय सम्मलेन था। इसमें शरीक हुए युवक-युवती समेत दोनों पक्षों के प्रमुख लोग एक-दूसरे को अच्छी तरह जान-परख-समझ सकें, उनमें परस्पर चर्चा के दौरान कहीं कोई संकोच न रहे, इसके मद्देनजर हमने परिचय सम्मेलन में अलग-अलग जोड़ों व उनके परिजनों के लिए अलग-अलग टेबल पर बैठ उन्हें निस्संकोच चर्चा करने की सुविधा मुहैया कराई है। श्री खेतान के बताए मुताबिक़ परिचय सम्मेलन में इस तरह की व्यवस्था बिलकुल अनूठी और वाकई सराहनीय है, जो अन्य समाज के लोगों के लिए भी अनुकरणीय है। आम तौर पर होता यूं है कि विवाह-योग्य युवक-युवतियों के परिचय सम्मेलन में हॉल में बने मंच आकर संबंधित उम्मीदवार अथवा उसके परिजन को माइक पर बायोडाटा बताना पड़ता है। भावी जिंदगी से जुड़ी यह अहम प्रक्रिया दरअसल इतनी आपाधापी भरी होती है कि इस दौरान हड़बड़ी अथवा संकोच के मारे कई जरूरी बातें कहना रह जाता है और फिर कई बार यही जीवन भर के लिए टीस बन कर रह जाता है। इसलिए अग्रवाल समाज की इस संस्था ने परिचय सम्मेलन में दोनों पक्षों को निस्संकोच पूरी तरह संतुष्ट हो लेने के लिए शुरू की यह पहल वाकई प्रशंसनीय और समाज के अन्य वर्गों के लिए प्रेरक है। हॉल में प्रबंधित अलग-अलग टेबलों पर युवतियों के लिए ' जी ' (गर्ल) और युवकों के लिए ' बी 'कोड की तख्ती लगी थीं और साथ ही उनके अलग-अलग कोड नंबर भी थे। इतना ही नहीं, उम्मीदवारों और उनके परिजनों की सहायता के लिए इस दौरान बतौर को-ऑर्डिनेटकर खुद शिवकांत खेतान सहित संस्था के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. राजेंद्र अग्रवाल, राष्ट्रीय सचिव श्रीमती सुमन अग्रवाल, समारोह की संयोजिका उर्मिला अग्रवाल, मुंबई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेंद्र रुइया, अनूप गुप्ता, रतनचंद मुरारका, बृजबिहारी मित्तल, रचना सिंघल, राजीव अग्रवाल, बबिता अग्रवाल आदि सेवा में समर्पित थे। इस समारोह में मधुसूदन अग्रवाल सम्माननीय अतिथि थे।  इस तरह के सम्मेलनों के आयोजन का मकसद समाज के लड़के-लड़कियों के वैवाहिक संबंधों में आ रही अड़चनों को दूर करना है। मुंबई में इससे पूर्व हुए 38 परिचय सम्मेलनों में भी हमें अच्छा रिस्पांस मिला है। दिनोंदिन वैवाहिक संबंध जुड़ने की राह में आने वाली जटिलताओं को सुलझाने की दिशा में हमें खासा कामयाबी के नतीजे मिले हैं। हरेक 3-4 महीने में हम इस तरह के आयोजन करते हैं और पिछले 38 आयोजनों के जरिए हमने लगभग पौना सैकड़ा भर नए गृहस्थ जीवन बसाने में सफलता दर्ज की है।