उम्र कम हो या ज्यादा, सावधान रहिए सर्वाइकल कैंसर से

 26 Sep 2015  1253
जयपुर
देश में इस रोग के प्रतिवर्ष करीब एक लाख नए मामले सामने आते हैं। विश्व में इस कैंसर से होने वाली मौतों में लगभग एक तिहाई सिर्फ भारत में होती हैं।
कैंसर के प्रकारों में पांचवा सबसे सामान्य कैंसर सर्वाइकल कैंसर है। ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) की वजह से यह कैंसर होता है। सर्वाइकल कैंसर महिला के जीवन में उत्पादक अवधि के दौरान जोर पकड़ता है। ऐसे मामले 30-34 साल की उम्र में होते हैं और 55-65 साल की उम्र में सबसे अधिक देखने को मिलते हैं। यौन संबंधों को लेकर सक्रिय महिलाएं 50 वर्ष की उम्र तक आते-आते आनुवांशिक एचपीवी का शिकार हो जाती हैं।
 
कम उम्र में खतरा
ग्रामीण भारत में सर्वाइकल कैंसर की जांच पर केंद्रित एक आईएआरसी परियोजना के प्रमुख जांचकर्ता डॉ. रंगास्वामी शकरनारायणन बताते हैं, सर्वाइकल कैंसर महिलाओं को बहुत कम उम्र में प्रभावित कर रहा है। विकासशील देशों में ऐसी तकनीकें व सस्ते परीक्षण उपकरण मौजूद हैं जिनसे सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
 
समय रहते हो बचाव
नियमित परीक्षण से महिलाएं आसानी से सर्वाइकल कैंसर से बच सकती हैं क्योंकि गर्भाश्य में होने वाले कोशिकीय परिवर्तनों का उपचार यदि ठीक तरह से न किया जाए तो यह सर्वाइकल कैंसर का रूप ले सकता है।